गुजरात देश का ऐसा राज्य है, जहां सबसे ज्यादा नमक का उत्पादन होता है. ज्यादातर नमक का उत्पादन कच्छ की खाड़ी और आसपास के इलाकों में होता है. पिछले तीन सालों में यहां के नमक को दुनियाभर में मान्यता मिल रही है.
आपको ये भी बता दें कि 1930 में गांधीजी ने जिस दांडी में पहुंच कर खुद नमक बनाकर अंग्रेजी कानून को तोड़ा था, वो गुजरात में ही है.
खाने नहीं बल्कि इस काम में होता है इस्तेमाल
शायद आपको लग रहा होगा कि गुजरात के नमक में ऐसा क्या है, जो वो दुनिया में कमाल कर रहा है, तो हम ये भी बता देते हैं कि ये कमाल खाने का स्वाद बढ़ाने में नहीं, बल्कि किसी और काम में हो रहा है.
गुजरात में ढेर लगाकर नमक का उत्पादन
सड़कों से बर्फ हटाने में बहुत असरदार
गौरतलब है कि जैसे ही बर्फ पर नमक छिड़का जाता है, ये तेजी से पिघलने लगती है. नमक सोडियम क्लोराइड का काम करता है. इससे पिघलने वाली नमक से सड़क पर वाहनों के फिसलने का खतरा भी नहीं के बराबर होता है. पहले तो गुजरात से हल्की क्वालिटी का नमक भेजा जाता था, लेकिन अब इन देशों में यहां से वो नमक जा रहा है, जिसकी क्वालिटी बेहतर होती है.
कच्छ में समुद्र का वो इलाका जहां, समुद्री पानी के सूखने के बाद नमक ही नमक नजर आ रहा है
तीन साल में दोगुने से ज्यादा बढ़ गया निर्यात
इंडियन साल्ट मेन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन (आईएसएमए) का कहना है कि गुजरात से पिछले तीन सालों में चीन के रास्ते यूरोप और अमेरिका जाने वाले नमक का एक्सपोर्ट दोगुने से कहीं ज्यादा बढ़ रहा है. नमक को चीन के रास्ते इसलिए भेजा जाता है, क्योंकि इससे ये ज्यादा सस्ती पड़ती है. 2015-16 में गुजरात से चीन के लिए नमक का एक्सपोर्ट अगर 22.17 लाख टन था तो अब 2017-18 में ये बढ़कर 48 लाख टन हो चुका है.
ये भी जानिए
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- गुजरात देश का प्रमुख नमक उत्पाद राज्य है. ये उत्पादन क्षेत्र 1600 किमी कोस्टल एरिया में फैला है. यहां बड़ी मात्रा में नमक और मरीन प्रोडक्टस का उत्पादन किया जाता है.
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- गुजरात नमक उत्पादन में पूरे देश का 76 फीसदी योगदान करता है.
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- गुजरात नमक निर्यात में पूरे देश में दूसरे स्थान पर है. देश में नमक निर्यात का 90 फीसदी गुजरात से ही होता है.
यूरोप में लारियों में नमक भरकर उन्हें बर्फ से भरी सड़कों से गुजारा जाता है, जो थोड़े समय बाद पिघलना शुरू हो जाता है
कैसे बर्फ को पिघला देता है नमक