Home रायपुर विकसित होने का अर्थ है क्वालिटी, क्वांटिटी में हो: सांसद बृजमोहन अग्रवाल

विकसित होने का अर्थ है क्वालिटी, क्वांटिटी में हो: सांसद बृजमोहन अग्रवाल

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• आंजनेय विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का समापन
• विकसित राज्य बनाने में उद्योगों की अहम भूमिका होगी : अलोक पाण्डेय
• आत्मनिर्भरता और अनुशासन विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण की आधारशिला : अरविन्द अग्रवाल

रायपुर । छत्तीसगढ़ के भविष्य को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “छत्तीसगढ़_विजन @2047: चुनौतियां, दायित्व एवं सुझाव” तीन दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का आज समापन हुआ। इस अवसर पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे । उन्होंने कहा कि विकसित होने का अर्थ मात्र भौतिक प्रगति नहीं, बल्कि गुणवत्ता और मात्रा दोनों में संतुलित वृद्धि होना चाहिए। विकसित मानसिकता तैयार करने के लिए शिक्षा के सभी आयामों को विकसित करना आवश्यक है, जिससे हर नागरिक नवाचार और प्रगति की दिशा में आगे बढ़ सके। उन्होंने सम्मेलन के दौरान प्राप्त शोध पत्रों का गहन विश्लेषण कर उन्हें शासन को प्रस्तुत करें, ताकि नीति निर्माण में इनका समुचित उपयोग हो सके। केवल योजनाओं और संकल्पों से नहीं, बल्कि धरातल पर ठोस कार्यों से ही विकसित छत्तीसगढ़ का सपना साकार किया जा सकता है। उन्होंने सभी बुद्धिजीवियों, शोधकर्ताओं और नीति-निर्माताओं से कहा कि वे छत्तीसगढ़ को 2047 तक एक विकसित और आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए समर्पित भाव से कार्य करें।
सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि जायसवाल निको इंडस्ट्रीज के एचआर हेड अलोक पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ को 2047 तक विकसित राज्य बनाने में उद्योगों की अहम भूमिका होगी। औद्योगिक विकास से रोजगार सृजन, आर्थिक समृद्धि और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। पर्यावरण अनुकूल और सतत विकास को ध्यान में रखते हुए उद्योगों को बढ़ाना आवश्यक है, जिससे राज्य आत्मनिर्भर और समृद्ध बन सके। विशिष्ट अतिथि अरविन्द अग्रवाल वीएनआर सीड्स कंपनी के डायरेक्टर ने कहा कि आत्मनिर्भरता और अनुशासन विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण की आधारशिला हैं। जब प्रत्येक नागरिक आत्मनिर्भर बनेगा और अनुशासन के साथ अपने कार्यों को पूर्ण करेगा, तब राज्य प्रगति की ओर बढ़ेगा। उद्योग, शिक्षा, कृषि और तकनीकी क्षेत्रों में समर्पित योगदान देकर हम सभी विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
चांसलर श्री अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ को 2047 तक विकसित और आत्मनिर्भर राज्य बनाने का सपना केवल सरकार का नहीं है, बल्कि यह हम सभी का यह सपना होना चाहिए। हमें मिलकर मेहनत करनी होगी, अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा और एकजुट होकर कार्य करना होगा। यदि हम आज ठोस कदम उठाते हैं, तो 2047 में जब हम स्वतंत्रता की शताब्दी मना रहे होंगे, तब हमें गर्व होगा कि हमने एक नया, सशक्त और विकसित छत्तीसगढ़ बनाया है।
सम्मेलन की सचिव डॉ प्रांजलि गनी ने बताया कि 400 से अधिक पंजीयन एवं तीन तकनीकी सत्रों में 40 से अधिक शोध पत्र पढ़े गए । कार्यक्रम के दौरान कुलपति डॉ टी रामाराव, महानिदेशक डॉ बी सी जैन, प्रति कुलपति डॉ सुमित श्रीवास्तव, प्रदेश भर से आए प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। समापन सत्र के दौरान प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया ।