और सामयिक गोमटेश्वर बाहुबली भगवान के चरणों मे विषम गर्मी में किया। इस अवसर पर अन्तर्मना ने आज श्रवणबेलगोला के विघ्नश्री पर्वत पर आज के दिन 1044 वर्ष पूर्व भगवान बाहुबली की प्रतिमा का स्थापना हुई थी। जिनका भी दर्शन किया इस अवसर पर अन्तर्मना ने अपनी उवाच में कहा कि जैसा तुम जीना चाहते हो, वैसा ही सब जीना चाहते हैं। जैसे तुम सुख पाना चाहते हो, वैसे ही सब सुख पाना चाहते हैं। जो तुम अपने लिए और अपने परिवार के लिए चाहते हो, वो तुम सबके लिए चाहो। यदि आप नहीं चाहते हैं कि कोई मेरा बुरा करे, नुकसान करे, अपमान करे, तो आप भी दूसरों के प्रति ऐसा ना करें, और जो आप अपने प्रति चाहते हैं कि सब मेरे प्रति प्रेम, सम्मान, सुख, शान्ति, आनंद का व्यवहार करे,
तो आप भी आज से ऐसा जीना शुरू कर दें। जो आप अपने प्रति चाहते हैं, वैसा दूसरों के प्रति व्यवहार करना शुरू कर दें, क्योंकि जो जीने की चाह आपके भीतर छुपी है,, वैसी चाह पड़ोसी
के भीतर भी छुपी है। कहने का अर्थ है – मेरे भीतर और आपके भीतर जो चेतना है, वह एक ही चेतना का फैलाव है।
जैसा कर्म करेगा वैसा फल देगा भगवान. इसके पश्चात सभी मंदिर का दर्शन कर रात्रि विश्राम श्रवणबेलगोला में हुआ। नरेंद्र अजमेरा पियुष कासलीवाल औरंगाबाद